जयपुर (हमारा वतन) lalराज्य सरकार के फैसले निरन्तर इतिहास रच रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में देश में नम्बर वन है। अब इंदिरा गांधी स्मार्टफोन योजना आईटी क्षेत्र में क्रान्ति के साथ ही महिलाओं के सशक्तिकरण का बड़ा माध्यम बनेगी। योजना के माध्यम से प्रदेश की लगभग हर महिला के हाथ में मोबाइल होगा।
गहलोत गुरूवार को बिड़ला ऑडिटोरियम सभागार में इंदिरा गांधी स्मार्टफोन योजना के शुभारम्भ अवसर पर आयोजित समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने रिमोट का बटन दबाकर एवं लाभार्थी महिलाओं-छात्राओं को स्मार्टफोन प्रदान कर योजना का शुभारम्भ किया।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में डिजिटल सखी हैण्डबुक ‘सीखो डिजिटल, सिखाओ डिजिटल’ का विमोचन भी किया। हैण्डबुक में मोबाइल के उपयोग सम्बन्धी समस्त जानकारियां रंगीन चित्रों के साथ समाहित की गई हैं। इस अवसर पर इंदिरा गांधी स्मार्टफोन योजना से संबंधित लघु वीडियो फिल्म भी प्रदर्शित की गई। योजना के अंतर्गत चिरंजीवी परिवारों की 1.35 करोड़ महिलाओं को 3 साल की इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ स्मार्टफोन दिये जाएंगे। प्रथम चरण में 40 लाख महिलाओं एवं छात्राओं को स्मार्टफोन दिये जाने की गुरुवार से शुरुआत हुई है।
मुख्यमंत्री ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा 50 प्रतिशत वादे पूरे कर लिए गए हैं। इंदिरा गांधी स्मार्टफोन योजना के माध्यम से राज्य सरकार अपना एक और वादा पूरा कर रही है। योजना के अंतर्गत प्रत्येक स्मार्टफोन के लिए 6800 रुपये लाभार्थियों को डीबीटी किये जा रहे हैं तथा प्रारम्भ में 20 जीबी डाटा उपलब्ध करवाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में चिप का संकट होने से मोबाइल बनना बंद हो गए, जिसके चलते योजना को क्रियान्वित करने में कुछ देरी हुई। अब शिविरों में महिलाओं को बिना किसी परेशानी के ससम्मान स्मार्टफोन उपलब्ध करवाये जाएंगे। साथ ही, कैम्प में उन्हें मोबाइल चलाने की जानकारी भी मिलेगी। लाभार्थियों को 3 साल तक निःशुल्क इंटरनेट डेटा दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि योजना के दूसरे चरण में 80 लाख महिलाओं को स्मार्टफोन उपलब्ध करवाए जाएंगे। महिलाओं को स्मार्टफोन उपलब्ध करवाना रेवड़ी नहीं होकर महिला सशक्तिकरण का एक माध्यम है। मोबाइल के अनेक तरह के उपयोग हैं, जिनसे जीवन सुगम होता है।
गहलोत ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी ने देश में आईटी क्रान्ति का सपना देखा था, जो आज साकार हो रहा है। प्रारम्भ में इसे लेकर कई तरह की आशंकाएं जाहिर की गई थीं, जो बाद में निर्मूल साबित हुई। उन्होंने कहा कि आज राज्य सरकार की अधिकांश गवर्नेंस आईटी आधारित हो रही है। प्रदेश में वर्तमान में 80 हजार से अधिक ई-मित्र के माध्यम से 600 प्रकार की सेवाएं उपलब्ध हो रही हैं। आज राजस्थान आईटी के क्षेत्र में नंबर वन राज्य बनकर उभरा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व. राजीव गांधी दूरदृष्टा एवं महिला सशक्तिकरण के पैरोकार थे। उनकी वजह से महिलाओं को पंचायतीराज संस्थाओं में आरक्षण का लाभ मिल पाया।
उन्होंने कहा कि नॉलेज इज पावर की थीम पर यह योजना लाई गई है। स्मार्टफोन के माध्यम से महिलाओं की कल्याणकारी योजनाओं तक पहुंच एवं जुड़ाव सुनिश्चित हो सकेंगे। वे स्वयं लाभान्वित होने के साथ-साथ और महिलाओं को जागरूक कर समाज सेवा भी कर सकेंगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा, न्यूनतम आय गारंटी, सामाजिक सुरक्षा पेंशन एवं इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी, 500 रुपए में गैस सिलेंडर जैसी एक से बढ़कर एक जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित कर रही हैं। महंगाई की मार कम करने के लिए 15 अगस्त से अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना की शुरूआत होगी, जिसके अंतर्गत 1 करोड़ से अधिक परिवारों को निःशुल्क राशन किट उपलब्ध करवाये जाएंगे।
राज्य में 1.40 लाख किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया गया है। स्कूलों को क्रमोन्नत किया जा रहा है। 500 बालिकाओं के नामांकन पर महाविद्यालय खोलने का निर्णय लिया गया है। गरीब विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय खोले गए हैं। वंचित वर्गों के 1 लाख छात्र-छात्राओं को आवासीय सुविधाएं उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया है। उन्होंने इन जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने का आमजन से आह्वान किया।
गहलोत ने कहा कि हमारी मंशा 2030 तक प्रदेश को देश के अग्रणी राज्यों में शुमार करने की है। उन्होंने प्रदेशवासियों को इस विजन को साकार करने में अपनी भागीदारी निभाने एवं अपने सुझाव देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सभी लोगों के सहयोग से ही यह संभव हो सकेगा। मुख्यमंत्री ने देश के हालातों पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि शांति एवं अहिंसा के वातावरण में ही विकास संभव है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय एजेंसियों के दुरूपयोग पर भी चिंता व्यक्त की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने समारोह स्थल पर बने इंदिरा गांधी स्मार्टफोन कैम्प का अवलोकन किया तथा पंजीकरण एवं स्मार्टफोन वितरण प्रक्रिया के बारे में जानकारी ली। इस दौरान वहां उपस्थित विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए रचनात्मक मॉडल की प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।
आयोजना मंत्री ममता भूपेश ने कहा कि महिला सशक्तिकरण में राजस्थान पूरे देश में सिरमौर बन रहा है। विकसित राजस्थान में महिला की अग्रणी भूमिका रहे, यह राज्य सरकार की मंशा है। पूर्व शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि इंदिरा गांधी स्मार्टफोन योजना से प्रदेश में एक नई क्रान्ति आएगी। इससे आमजन को योजनाओं की जानकारी मिलेगी और उन्हें योजनाओं का पूरा लाभ मिल पाएगा।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री भंवर जितेन्द्र सिंह ने कहा कि गरीब महिलाओं को स्मार्टफोन उपलब्ध करवाना राज्य सरकार का ऐतिहासिक कदम है। इसके बेहतर परिणाम आगामी वर्षों में देखने को मिलेंगे। मुख्य सचिव उषा शर्मा ने कहा कि राजस्थान आईटी क्रान्ति की दिशा में अग्रणी राज्य है। सरकारी कामकाज को आसान बनाने के लिए राज्य में 100 से भी ज्यादा एप विकसित किये गए हैं।
निशुल्क स्मार्टफोन मिलने से महिलाओं को समान रूप से आगे बढ़ने के अवसर उपलब्ध होंगे। अतिरिक्त मुख्य सचिव, सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग अखिल अरोड़ा ने कहा कि योजना के अंतर्गत स्मार्टफोन की राशि डीबीटी की जा रही है जो महिलाओं को सशक्त बनाने का ही एक प्रयास है। सुशासन और आईटी की दिशा में यह योजना एक अहम कदम है।
इस अवसर पर मंत्री डॉ. महेश जोशी, लालचन्द कटारिया, भजनलाल जाटव, टीकाराम जूली, भंवर सिंह भाटी, विधायक गंगा देवी, कृष्णा पूनिया, आलोक बेनीवाल, गोपाल मीणा, अमीन कागजी सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, अधिकारीगण एवं बड़ी संख्या में लाभार्थी उपस्थित रहे।
रिपोर्ट – राम गोपाल सैनी
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