जयपुर (हमारा वतन) राजस्थान उच्च शिक्षक संस्थानों में शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए ने गहलोत सरकार ने रास्ता निकाल लिया है। अब विद्या संबल योजना के तहत विश्वविद्यालयों में रिक्त पदों पर अस्थाई शिक्षक लगाए जाएंगे। उच्च शिक्षा के संयुक्त सचिव फिरोज अख्तर ने आदेश जारी कर दिए है। इस योजना से जहां बेरोजगार युवाओं को संबल मिलेगा। वहीं विवि में शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। साथ ही नियमित कक्षाएं भी लग सकेंगी।
योजना के तहत विवि की ओर से विभिन्न विभागों में रिक्त पदों पर आवेदन के लिए विज्ञप्ति जारी की जाएगी। रिक्त पद चयन प्रक्रिया वर्तमान में नियमित शिक्षकों पर लागू सेवा नियम और यूजीसी भर्ती अधिनियम 2018 के तहत होगी। प्राप्त आवेदनों में से विवि को विभिन्न मापदंड के अनुरूप प्राप्त अंक के अनुसार वरीयता मेरिट बनानी होगी। एक पद पर चार अभ्यर्थियों पर पैनल बनाना होगा। वरीयता में प्रथम अभ्यर्थी को आमंत्रित करना होगा।
ये रहेगी पात्रता – संबंधित विषय में स्ननातकोत्तर में न्यूनतम 55 प्रतिशत अंक। सेट-नेट या पीएडी। जिस विषय में स्नातकोत्तर हो उसी विषय में पीएचडी की अनिवार्यता। स्नातकोत्तर के बाद ही पीएचडी व नेय मान्य। वाणिज्य, कला और विज्ञान विषय के पदों में स्ननातकोत्तर संबंधित विषय में होना भी आवश्यक है।
अधिकतम 60 हजार रुपये स्वीकृत – प्रति कालांश मानदेय सहायक आचार्यों के लिए 800 रुपये और अधिकतम 45 हजार। सह आचार्य के लिए 1000 व अधिकतम 52 हजार रुपये। आचार्य को 1200 रुपये और अधिकतम 60 हजार रुपये स्वीकृत किए गए है।
रिपोर्ट – राम गोपाल सैनी