जयपुर,चौमूं (हमारा वतन) राजस्थान प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान भी यूईएम जयपुर के स्टूडेंट को 72 लाख का वार्षिक पैकेज मिला है | यह जानकारी यूनिवर्सिटी ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट (यूईएम) जयपुर द्वारा आज यूनिवर्सिटी कैंपस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दी गई |
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ. बिस्वजोय चटर्जी ने बताया कि प्रेस कॉन्फ्रेंस का मुख्य उद्देश्य सभी को यह समझाना है कि कैसे यूईएम ने कोरोना महामारी के दौरान छात्रों के लिए प्लेसमेंट के अवसरों को क्रियान्वित किया और भविष्य में प्लेसमेंट को कैसे मजबूत किया जा सकता है।
यूईएम जयपुर का प्लेसमेंट 2021 में सबसे अच्छा रहा
डॉ. चटर्जी ने कहा कि यूईएम, जयपुर का प्लेसमेंट पिछले वर्षों की तुलना में वर्ष 2021 (महामारी के दौरान) में सबसे अच्छा रहा है | क्योंकि “संकट एक अवसर की तरह है”। 2019 में प्लेसमेंट प्रदान करने का एक अलग तरीका था । जैसे कॉलेजों को पहले प्लेसमेंट के लिए कंपनियों को बुलाना होगा और फिर कंपनी कैंपस प्लेसमेंट शेड्यूल करके इंटरव्यू आयोजित करती थी तथा उसके बाद वे 2-3 सप्ताह में परिणाम की घोषणा करते थे | तत्पश्चात चयनित छात्रों को नियुक्ति पत्र भेजे जाते थे | इस प्रक्रिया में बहुत समय लगता था और छात्रों के लिए सीमित प्लेसमेंट के अवसर उपलब्ध थे। इसके अलावा केवल आस-पास की कंपनियाँ ही आसानी से पहुँच पाती थीं और दूर-दराज की कुछ ही कंपनियाँ प्लेसमेंट के लिए पहुँच पाती थीं | जिसके कारण अच्छी नौकरियों के बहुत सीमित अवसर ही उपलब्ध थे। लेकिन वर्ष 2020 और 2021 में कोरोना महामारी के दौरान ऑनलाइन प्लेसमेंट की उपलब्धता के कारण छात्रों को अधिक अवसर उपलब्ध हुए और छात्र बिना समय बर्बाद किए पूरे भारत के साथ-साथ विदेशों में भी नौकरी के अवसर प्राप्त करने में सफल रहे।
यूईएम स्टूडेंट को मिला 72 लाख का वार्षिक पैकेज
वर्ष 2021 में यूईएम जयपुर के छात्र को अटलांटा (यूएसए) के गीगा डेटा सेंटर से बहुत अधिक वेतन के साथ नौकरी मिली, जो 72 लाख का वार्षिक पैकेज था। वर्ष 2022 के लिए प्लेसमेंट भी शुरू हो गया है, जो पूरे राज्य में किसी भी अन्य कॉलेज और विश्वविद्यालय से काफी आगे है। यूनिवर्सिटी के छात्र श्रेयसम घोषाल को सिंगापुर की एक कंपनी ने 7 लाख रुपये सालाना और एक अन्य छात्र तन्मय कर्माकर को दुबई की एक कंपनी ने 7-8 लाख रुपये सालाना सैलरी ऑफर की है | ये सभी छात्र अपने अध्ययन के अंतिम वर्ष में हैं और भारत में रहते हुए सिंगापुर और दुबई की कंपनियों के लिए काम करेंगे।
महामारी में विदेशों से नौकरी के अवसर बढे
प्रोफेसर चटर्जी ने बताया कि साल 2018, 2019 और 2020 में जहां सबसे ज्यादा सैलरी 40 लाख तक थी, वहीं साल 2021 में 72 लाख तक पहुंच गई, एक स्टूडेंट को 3-4 जॉब ऑफर मिलते थे | वही अब यह आंकड़ा बढ़कर 9 जॉब ऑफर तक पहुंच चुका है तथा औसत वेतन भी लगभग 3 से 3.50 लाख प्रति वर्ष से शुरू होता था, जो अब बढ़कर 4 से 4.50 लाख प्रति वर्ष से शुरू हो रहा है | साथ ही ऑनलाइन प्लेसमेंट मे विदेशों से नौकरी के प्रस्ताव प्राप्त करने के और अधिक सुनहरे अवसर प्रदान किये जा रहे हैं।
ऑनलाइन पढ़ाई से बढे अवसर
यूईएम जयपुर के रजिस्ट्रार प्रो. (डॉ.) प्रदीप शर्मा ने बताया कि आज अधिकांश छात्र ऑनलाइन पढ़ाई को महत्व दे रहे हैं, 80% से अधिक छात्र ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से अध्ययन करना चाहते हैं। क्योंकि इन सभी छात्रों को ऑनलाइन माध्यम से विदेशों से कई तरह के कोर्स करने का मौका मिल रहा है जो उनके केरीयर के लिए वरदान साबित हो रहे हैं, साथ ही ऑनलाइन प्लेसमेंट सुविधा ने साबित कर दिया कि यह सही है। मिश्रित शिक्षा का अर्थ है कि विद्यार्थी कहीं भी, कभी भी, चाहे वह घर से बाहर ही क्यों न हो, अध्ययन कर सकता है। वर्तमान समय के अनुसार विद्यार्थी के लिए यह सब बहुत महत्वपूर्ण है।
डॉ. शर्मा ने बताया कि आज ऑनलाइन माध्यम से छात्र द्वारा की जाने वाली पढ़ाई के स्तर का भी तुरंत मूल्यांकन किया जा सकता है | पहले यह सब 6 महीने में एक बार होता था | ऑनलाइन कक्षा में शिक्षक छात्रों की कक्षा के बाद एक ऑनलाइन परीक्षा लेता है और छात्र भी अपना उत्तर ऑनलाइन जमा करते हैं, ताकि यह तुरंत पता चल सके कि छात्र की समझ का स्तर क्या है ? छात्र ने विषय को अच्छी तरह से समझा है या नहीं।
इंस्टीट्यूशन इनोवेशन काउंसिल को मिला तीसरा स्थान
विश्वविद्यालय के डीन प्रो. डॉ. अनिरुद्ध मुखर्जी ने कहा कि एमएचआरडी द्वारा राजस्थान में यूईएम जयपुर की इंस्टीट्यूशन इनोवेशन काउंसिल को तीसरा स्थान दिया गया है। यह 2019 में बिट्स पिलानी और राजस्थान विश्वविद्यालय राजस्थान से आगे था। इसके अलावा, यूईएम जयपुर को 2019 और 2020 में विश्वविद्यालय द्वारा सबसे प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार – “क्यूएस गोल्ड” और अच्छे प्लेसमेंट के लिए डायमंड श्रेणी से सम्मानित किया गया है। यूईएम जयपुर को यह पुरस्कार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और समग्र अच्छे प्रदर्शन के लिए दिया गया था।
प्रोफेसर डॉ. चटर्जी ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा कक्षाओं को भौतिक रूप से खोलने और उनके सुचारू संचालन के लिए सभी तैयारियां कर ली गई हैं | विश्वविद्यालय सोशल डिस्टेंसिंग और कोविड प्रोटोकॉल के कार्यान्वयन के साथ सरकारी दिशा-निर्देशों के अनुसार अपनी ऑफ़लाइन कक्षाओं को फिर से शुरू करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। विश्वविद्यालय अस्पताल में 24 घंटे एक डॉक्टर उपलब्ध रहता है। उन्होंने बताया कि जब तक सभी छात्र सरकार की अनुमति से ऑफलाइन कक्षाओं में भाग लेने के लिए तैयार नहीं हो जाते, तब तक कक्षाएं ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से संचालित की जाएंगी।
इस दौरान विश्वविद्यालय के परियोजना उप निदेशक संदीप अग्रवाल ने बताया कि प्रेस वार्ता के दौरान प्लेसमेंट विभाग के मैनेजर कॉर्पोरेट रिलेशन सचिन पांडेय, प्रो. (डॉ.) मृणाल कांति सरकार, प्रो. उमेश गुरनानी, प्रो. संदीप दास, प्रो. राहुल शर्मा, प्रो. सुब्रो चक्रवर्ती, प्रो. (डॉ.) प्रीति शर्मा, प्रो. शांतनु शर्मा, आदि उपस्थित रहे।