जीवन अनमोल है , इसे आत्महत्या कर नष्ट नहीं करें !
रतननगर (हमारा वतन) स्व.लालचन्द शीला की स्मृति में उनके छोटे भाई अध्यापक मुन्नीराम शीला व शीला परिवार द्वारा कस्बे में ओंकार आश्रम के सामने मुक्ति धाम में उद्यान व पक्षियों के लिए दाना-पानी गृह का निर्माण करवाया गया, जिसका मंगलवार को लोकार्पण किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त प्राचार्य हीरालाल थेए अध्यक्षता सेवानिवृत्त सीआई रणधीर सिंह ने की। कार्यक्रम के आयोजक अध्यापक मुन्नीराम शीला ने अपने उद्बोधन में कहा कि कोविड के कारण आक्सीजन की कमी से उनके बड़े भाई लालचन्द शीला का गत 22 मई को निधन हो गया था जिससे सबक लेकर तथा आक्सीजन की कमी को ध्यान में रखते हुए उद्यान का निर्माण करवाया गया। उद्यान मे कुल 151 पौधे लगाये गये है जिसमें से फलदार पौधों में निंबू, अनार, लेसवा, शहतूत, अमरूद व छायादार में नीम, सीरस, मीठा नीम, अषोक तथा फूलदार में गुलमोहर, मोगरा, चम्पा, गेंदा, सदाबहार व औषधीय पौधे भी लगाये गये।
अध्यापक मुन्नीराम शीला ने कहा कि उन्होनें विद्यालय समय के पश्चात बच्चों को निशुल्क पढाने का निर्णय लिया है, वर्तमान में उनका अनुराग एज्युकेशन ग्रुप के नाम से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी हेतु निशुल्क यूट्यूब चैनल भी चल रहा है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हीरालाल ने उद्यान को और विकसित करने ने लिए 11 हजार रु की नगद राशि प्रदान की।
विद्याधर महरिया सरदारशहर, सेवानिवृत्त सीआई रणधीर सिंह, उपनिदेशक पशुपालन विभाग चूरु डॉ निरंजन चिराणियाए किरोड़ीमल मीणा, मांगीलाल शीला, आदि ने परिसर में एक. एक अच्छी क्वालिटी की बैंच लगाने की घोषणा की।
वार्ड नं 11 के मेघवाल समाज के नवयुवक मण्डल ने परिसर के 150 फुट के लंबे मार्ग में इण्टरलाक लगाने की घोषणा की ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हीरालाल, सेवानिवृत्त सीआई रणधीर सिंह, उपनिदेशक पशुपालन विभाग चूरु डॉ निरंजन चिराणियाए किरोड़ीमल मीणा, केशवदेव लादड़िया, शीशराम माहिच, पवनकुमार शर्मा, रवींद्र कुमारण् योगाचार्य शंकरलाल सैनी आदि ने मुक्तिधाम परिसर में उद्यान व पक्षियों के लिए दाना.पानी गृह को अद्भुत व अनूठी पहल बताया।
इस मौके पर व्याख्याता सरोज चौधरी, अध्यापिका सुशीला देवी, नीतू शीला, घींसाराम गुडेसर, महेंद्रपाल शीला, मोनिका शीला, बिहारीलाल शीला, डॉ सुरेन्द्र सिंघोया, रामलाल शीला, नरनारायण बागोरियाण् पाटवाल साहब, हरलाल शीला, नन्दलाल झाझड़ा, धर्मपाल मायल, रामकुमार शीला, गणेशराम रोलण, सुरेशकुमार कांटीवाल, नन्दकिशोर सैनी, श्रवण सैनी सीताराम जांगिड़, राधेश्याम कटारिया, महेंद्रसिंह सोनगरा, सहीराम झाझड़िया जगदीशप्रसाद नायक, सुभाष मायल आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन व्याख्याता सावंत राम खण्डवा ने किया।