जीवन अनमोल है , इसे आत्महत्या कर नष्ट नहीं करें !
चौमूं (हमारा वतन) फ्यूचर सोसायटी और एलआईसी की ओर से आयोजित डिजिटल बाल मेला के डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ऑनलाइन सेशन में बुधवार को चौमूं विधायक रामलाल शर्मा बच्चों से रुबरु हुए। उन्होंने बच्चों के मताधिकार के प्रयोग पर अपनी बात रखी।
शर्मा ने कहा कि संविधान में समय-समय पर मतदान की आयु को लेकर बदलाव किए गए हैं। पहले मतदान की न्यूनतम आयु 21 वर्ष थी, जिसे बाद में संशोधन कर 18 वर्ष कर दिया गया। उन्होंने कहा कि यह माना जाता है कि इस उम्र में बच्चे यदि मताधिकार करेंगे तो वह किसी अन्य से प्रभावित नहीं होगा। वे अपनी सोच समझ के आधार पर कैंडिडेट का चुनाव करेंगे। इसलिए यह उम्र निर्धारित की गई है।
सेशन में बच्चों ने विधायक शर्मा से सवाल किया कि जब वे विधानसभा में पहली बार गए तो उन्हें कितना डर लगा? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वे पहला चुनाव 29 वर्ष की उम्र में जीते थे। ऐसे में उनके मन में भी कई जिज्ञासाएं थी कि किस तरह से विधानसभा में जाना है, लोगों के मुद्दों को कैसे उठाना हैं। विधायक रामलाल शर्मा ने कहा कि राजनीति में परिश्रम की बहुत आवश्यकता है। यहां पर लाखों लोग आपसे उम्मीद करते हैं और उन उम्मीदों को पूरे करने का जज्बा होना चाहिए। सेशन को कॉर्डिनेट जाह्नवी शर्मा ने किया।
गौरतलब है कि कोरोना महामारी के दौरान बच्चों की प्रतिभा को मंच देने के लिए फ्यूचर सोसायटी और एलआईसी की ओर से प्रायोजित डिजिटल बाल मेला के सीजन-2 का आगाज किया गया है। डिजिटल बाल मेला सीजन-1 के समापन पर विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने लिटिल कोरोना वॉरियर्स को टास्क देते हुए कहा था कि अगले बाल मेले में उन्हें बताएं कि बच्चों की सरकार कैसी होनी चाहिए। अब बच्चे उनके इसी टास्क को पूरा करने जा रहे हैं। इसी कड़ी में मंगलवार को ऑनलाइन सेशन का उद्धाटन मंत्री टीकाराम जूली ने किया। 15 जून से 15 अगस्त तक अब बच्चों के साथ देश—प्रदेश के कई मंत्री, सांसद, विधायकों के साथ ही दूसरे देशों की राजनीतिक हस्तियां भी डिजिटल प्लेटफॉर्म से बच्चों से रूबरू होंगे।