जयपुर (हमारा वतन) हर महिला चाहती है कि उसकी बॉडी शेप हमेशा परफेक्ट और सुडौल बनी रहे। लेकिन आजकल की बिगड़ी हुई लाइफस्टाइल और वर्कआउट की कमी की वजह से ज्यादातर महिलाओं के शरीर का आकार बिगड़ने लगता है और उन्हें कई तरह की शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसी ही एक परेशानी होती है ब्रेस्ट साइज का छोटा रह जाना। ब्रेस्ट साइज का बड़ा होना ना सिर्फ एक महिला की बॉडी को आकर्षक बनाता है बल्कि उसमें आत्मविश्वास बढ़ाने का काम भी करता है।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि आजकल बाजार में ब्रेस्ट साइज बढ़ाने के लिए कई प्रोडक्ट्स जैसे तेल, मलहम, सक्शन कप, सर्जरी उपलब्ध हैं,जो आपको फुलर ब्रेस्ट हासिल करने में मदद करने का दावा करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं ब्रेस्ट साइज को बढ़ाने के लिए कई प्राकृतिक तरीके भी होते हैं, जिनमें से एक योग है। जी हां, कुछ योग मुद्राएं महिला के ब्रेस्ट में फैट और ग्लैंड के टिशूज को बढ़ाकर साइज को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। इतना ही नहीं ये योगासन ब्रेस्ट को स्पोर्ट देने वाली मसल्स को टोन करके मजबूत भी बनाते हैं। आइए जानते हैं ऐसे दो योगासन जो ब्रेस्ट साइज को प्राकृतिक तरीके से बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।
ब्रेस्ट साइज को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं ये दो योगासन-
हस्त उत्तानासन :-
हस्त उत्तानासन करने से ब्रेस्ट साइज में बदलाव आने के साथ बॉडी पोश्चर में भी सुधार होता है। यह आसन रीढ़ की हड्डी और कंधों को मजबूत बनाने के साथ मानसिक रोगों को भी दूर रखने में मदद करता है। ताड़ासन करने के लिए सबसे पहले खड़े होकर अपने दोनों हाथों को ऊपर उठाते हुए सांस लें, सिर को बाजुओं के बीच में रखते हुए धीरे से पीछे की ओर झुकें। अब अपनी सांस छोड़ें और धीरे-धीरे खड़ी हो जाएं। पीछे झुकते समय आंखें खुली रखें और फिर पुरानी मुद्रा में वापस आ जाएं।
चक्रासन :-
चक्रासन करने से ब्रेस्ट के पास महसूस होने वाला खिंचाव वहां की मसल्स की ग्रोथ में मदद करता है। इस आसन को करने से बॉडी के ऊपर की तरफ ब्लड का फ्लो अच्छी तरह बना रहता है, जिससे टोनिंग में मदद मिल सकती है। चक्रासन करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेटकर पैरों को घुटनों की तरफ से मोड़ते हुए यह सुनिश्चित करें कि पैर फर्श पर मजबूती से टिके हुए रहें। अब हथेलियों को आकाश की ओर करते हुए बाजुओं को कोहनियों की तरफ से मोड़ें। अब बाजुओं को कंधों की तरफ से घुमाएं और हथेलियों को सिर के दोनों ओर फर्श पर रखें। सांस लेते हुए, हथेलियों और पैरों पर दबाव बनाते हुए पूरे शरीर को ऊपर की ओर उठाएं। अपने कंधे के समानांतर पैरों को खोलें। वजन को बराबर बांटते हुए शरीर को ऊपर की ओर खींचे। इस मुद्रा में कुछ समय के लिए बने रहें।
रिपोर्ट – राम गोपाल सैनी