जयपुर (हमारा वतन) प्रदेश में संचालित मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना का दायरा अब और बढ़ाया जाएगा। इस योजना के तहत राजकीय अस्पतालों के साथ निजी अस्पतालों का नेटवर्क अब गांवों तक भी उपलब्ध हो सकेगा। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने जन-जन तक इस योजना का लाभ पहुंचाने के लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी से अस्पतालों का नेटवर्क बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए आवश्यतानुसार नियमों में बदलाव एवं सरलीकरण किया जाए। साथ ही, योजना से संबंधित समस्याओं को दूर करने के लिए ग्रिवांस रिड्रेसल सिस्टम को और मजबूत किया जाए।
चिकित्सा मंत्री ने यह निर्देश बुधवार को स्वास्थ्य भवन में आयोजित बैठक में योजना से जुड़े विभिन्न हित धारकों के साथ चर्चा के दौरान दिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का उन्नयन एवं विस्तार प्रतिबद्धता के साथ कर रही है। गांव-ढाणी तक बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं एवं जरूरतमंद लोगों को इलाज खर्च की चिंता से मुक्त करने की दिशा में मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना एक महत्वाकांक्षी और मानवीय पहल है। सभी हितधारक संवेदनशील सोच के साथ इस योजना का लाभ आमजन को पहुंचाएं।
जल्द शुरू होगी पोर्टेबिलिटी की सुविधा, पोर्टल को किया जा रहा अपडेट :-
खींवसर ने कहा कि इस योजना में पोर्टेबिलिटी की सुविधा जल्द शुरू की जायेगी। इससे बाहर के राज्यों के नागरिक भी इस योजना का लाभ ले सकेंगे और राजस्थान के रोगी दूसरे राज्यों में इलाज प्राप्त कर सकेंगे। इस सुविधा के लिए पोर्टल को अपडेट किया जा रहा है। यह सुविधा शुरू होने से प्रदेश में मेडिकल वैल्यू ट्रैवल को बढ़ावा मिलेगा। यहां के अस्पतालों में रोगी भार बढ़ने से उन्हें अस्पताल संचालन में लाभ होगा। साथ ही, चिकित्सा के क्षेत्र में निवेश एवं रोजगार के अधिक अवसर उपलब्ध होंगे।
योजना को बेहतर बनाने के लिए किया जा रहा नियमों का सरलीकरण :-
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं की गांव-गांव तक सुगमता पूर्वक उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में चिकित्सा विभाग मिशन मोड में काम कर रहा है। आयुष्मान आरोग्य योजना को बेहतर बनाने के लिए नियमों का सरलीकरण किया जा रहा है।
मेडिकल वैल्यू ट्रैवल पॉलिसी जल्द लाएंगे :-
राठौड़ ने कहा कि प्रदेश में मेडिकल वैल्यू ट्रैवल को बढ़ावा देने के लिए पॉलिसी को अंतिम रूप दिया जा रहा है। जल्द ही यह नीति लाई जाएगी। साथ ही, चिकित्सा के क्षेत्र में निजी सहभागिता बढ़ाने के लिए भी नीतिगत निर्णय लिए जा रहे हैं। हमारा अंतिम लक्ष्य यही है कि राजकीय एवं निजी सहभागिता से आमजन को बेहतरीन चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हों।
1.33 करोड़ से अधिक परिवार पंजीकृत, 1700 से अधिक अस्पताल सूचीबद्ध :-
राजस्थान स्टेट हेल्थ एश्योरेंस एजेंसी की मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रियंका गोस्वामी ने कहा कि आयुष्मान आरोग्य योजना के तहत वर्तमान में 1.33 करोड़ से अधिक परिवार पंजीकृत हैं और 1700 से अधिक अस्पताल सूचीबद्ध हैं। रोगियों को करीब 1800 पैकेज के तहत विभिन्न बीमारियों का उपचार उपलब्ध करवाया जा रहा है। योजना में गंभीर रोगों का उपचार भी उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि सम्बद्ध निजी अस्पतालों को क्लेम राशि का भुगतान निर्धारित समयावधि में किया जा रहा है। योजना को और प्रभावी एवं सभी हितधारकों के अनुकूल बनाने के लिए नियमों में आवश्यक बदलाव किया जा रहा है।
हितधारकों ने सरकार के प्रयासों को सराहा :-
बैठक में उपस्थित विभिन्न अस्पतालों के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना को जनकल्याण की दिशा में बड़ा कदम बताया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की प्रतिबद्धता से इस योजना में लगातार सुधार हो रहा है। इसका लाभ रोगियों को मिल रहा है। उन्होंने बताया कि पूर्व में संचालित स्वास्थ्य बीमा योजना में विभिन्न पेचीदगियों के कारण करीब 45 प्रतिशत रोगियों को उपचार लेने में कठिनाई होती थी। अब इस समस्या का काफी हद तक समाधान हुआ है और रोगियों को आसानी से उपचार मिल रहा है। साथ ही, निजी अस्पतालों को क्लेम का भुगतान समय पर हो रहा है। अस्पताल एवं इंश्योरेंस कंपनियों के साथ ही चिकित्सक संगठन के प्रतिनिधियों एवं अन्य हितधारकों ने योजना को और बेहतर बनाने के संबंध में सुझाव भी दिए।
बैठक में प्रदेशभर के विभिन्न अस्पतालों के संचालक, इंश्योरेंस कंपनियों के प्रतिनिधि एवं अन्य हितधारकों ने भाग लिया। इस अवसर पर राजस्थान स्टेट हैल्थ एश्योरेंस एजेंसी एवं चिकित्सा विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।
रिपोर्ट – राम गोपाल सैनी