जयपुर (हमारा वतन) जेडीए की जमीनों पर मौज काट रहे अतिक्रमियों की अब खैर नहीं | जेडीए अब अपनी बेशकीमती जमीनों को अतिक्रमियों के चंगुल से मुक्त कराने की तैयारी कर रहा है | जल्द ही इन अतिक्रमणों पर जेडीए का पीला पंजा चलता नजर आएगा |
नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने इस 9 जुलाई को जेडीए में अधिकारियों की बैठक ली थी | इस बैठक में यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने निर्देश दिए थे कि सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण चिन्हित कर उन्हें हटाने की कार्रवाई शुरू की जाए | इन निर्देशों पर जेडीए की प्रवर्तन शाखा की ओर से सभी जोन कार्यालयों से सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण की रिपोर्ट मांगी गई थी |
जेडीए के जोन कार्यालयों की ओर से भेजी गई रिपोर्ट के अनुसार जोन 3 में किसी भी सरकारी भूमि पर अतिक्रमण नहीं बताया गया जबकि जोन 13 में सरकारी जमीनों पर सबसे अधिक अतिक्रमण बताए गए |
जोन कार्यालयों की ओर से सरकारी जमीनों पर भेजी गई रिपोर्ट को प्रवर्तन शाखा ने अधूरी और अस्पष्ट माना | इसी के चलते जेडीए की प्रवर्तन शाखा की ओर से इस रिपोर्ट के आधार पर अतिक्रमण हटाने की नियमित कार्रवाई नहीं की गई |
हाल ही इस मामले में विधानसभा में यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने जेडीए अधिकारियों की दुबारा बैठक ली | यूडीएच मंत्री के बैठक में दिए आदेश के बाद जेडीए सचिव हेम पुष्पा शर्मा की ओर से सभी जोन उपायुक्तों का निर्देश दिए गए |
जानकारों के अनुसार जोन कार्यालयों की ओर से प्रवर्तन शाखा को पहले भेजी गई | रिपोर्ट में किसी जोन में शामिल सभी सरकारी जमीनों के अतिक्रमणों की जानकारी नहीं भेजी गई थी | सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जों के मामले सामने आने के बाद भी उनका हवाला इस रिपोर्ट में नहीं दिया गया था | लेकिन इसी के चलते अब जोन उपायुक्तों को खुद जमीनों के भौतिक सत्यापन की जिम्मेदारी दी गई है |
रिपोर्ट – राम गोपाल सैनी