नई दिल्ली (हमारा वतन) गुरु और शुक्र अस्त होने से लंबे समय से मांगलिक कार्यों पर विराम था। अब शुक्र उदय हो गए है। गुरु अप्रैल में उदय हो गए थे। गुरु-शुक्र के उदय होने से विवाह, गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्य होने लगेंगे। दो महीने से शुभ कार्य बंद थे।
तारा ज्योतिष साधना केंद्र के अध्यक्ष और अंतर्राष्ट्रीय भविष्यवक्ता पंडित रविंद्र आचार्य ने बताया कि 26 अप्रैल को शुक्र ग्रह अस्त हो गए थे। इस अवधि के मध्य 6 मई को बृहस्पति भी वृष राशि में अस्त हो गए। गुरु, शुक्र के अस्त होने के कारण वैवाहिक आदि मांगलिक कार्यक्रम नहीं हो सके।
गुरु, शुक्र अस्त में धर्म ग्रंथो के अनुसार विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, भूमि पूजन,नवीनकार्य आदि वर्जित माने की जाते हैं। इसलिए लोगों को दो महीने का इंतजार करना पड़ा। दो जून को गुरु ग्रह उदय हुए थे। अब 28 जून को शुक्र ग्रह भी उदय हो गए हैं। ग्रह उदय होने के बाद तीन दिन तक का दोष रहता है। इसलिए दो जुलाई से विवाह आदि मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाएंगे।
दो जुलाई से 15 जुलाई तक 10 वैवाहिक मुहूर्त रहेंगे। 17 जुलाई को हरिशयनी एकादशी होगी। इस एकादशी से चातुर्मास प्रारंभ हो जाएगा। फिर चार महीना तक विवाह आदि मांगलिक कार्यों के मुहूर्त पर विराम रहेगा। क्योंकि भगवान विष्णु चातुर्मास के लिए शयनमुद्रा में चले जाते हैं। इसलिए चार महीना मांगलिक कार्य नहीं होंगे। 12 नवंबर को देव उठानी एकादशी से विवाह मुहूर्त फिर से शुरू होंगे और लगातार 14 दिसंबर तक चलेंगे। विवाह मुहूर्त 2, 3, 4, 9,,10,11, 12, 13, 14, 15 जुलाई को है।
रिपोर्ट – राम गोपाल सैनी