भुवनेश्वर (हमारा वतन) चार बार के विधायक और आदिवासी नेता मोहन माझी ने ओडिशा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पहले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। सीएम के अलावा, दो नए डिप्टी सीएम ने भी शपथ ली।
कनक वर्धन सिंह देव और पार्वती परिदा ने डिप्टी सीएम के तौर पर शपथ ली। बोलनगीर जिले के पटनागढ़ के पूर्व शाही परिवार से ताल्लुक रखने वाले कनक वर्धन सिंह देव छह बार विधायक रह चुके हैं और एक प्रतिष्ठित परिवार से आते हैं। उनके दादा राजेंद्र नारायण सिंह देव भी शाही परिवार से थे और मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
कनक पहली बार 1995 में राज्य विधानसभा के लिए चुने गए थे और तब से 2019 को छोड़कर लगातार जीतते आ रहे हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक कनक वर्धन सिंह देव 2000 से 2009 के बीच नवीन पटनायक सरकार में मंत्री रहे। उनकी पत्नी संगीता सिंह देव बोलनगीर से मौजूदा लोकसभा सांसद हैं।
वहीं 57 वर्षीय पार्वती परिदा ने भी ओडिशा के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। परिदा ने 2005 में ओडिशा उच्च न्यायालय में वकालत की शुरुआत की थी। वह ओडिशा में भाजपा की महिला विंग की अध्यक्ष रह चुकी हैं। हालांकि, इससे पहले वह तीन बार निमापारा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ चुकी हैं, लेकिन 2024 में उन्हें सफलता मिली। भाजपा ने पहली बार ओडिशा में सरकार बनाई है।
राज्य सरकार में दो डिप्टी सीएम के अलावा, आठ कैबिनेट मंत्री ने भी शपथ ली है। वहीं पांच राज्य मंत्रियों (स्वतंत्र प्रभार) ने भी शपथ ली है। सुरेश पुजारी, रबीनारायण नाइक, नित्यानंद गोंड और कृष्ण चंद्र पात्रा ने सीएम मोहन चरण माझी के नेतृत्व वाली कैबिनेट में मंत्री पद की शपथ ली। पृथ्वीराज हरिचंदन, डॉ. मुकेश महालिंग, विभूति भूषण जेना और डॉ. कृष्ण चंद्र महापात्रा ने भी सरकार में मंत्री के रूप में शपथ ली। ओडिशा की 147 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा ने 78 सीट जीतीं हैं, जबकि बीजू जनता दल (बीजद) को 51 सीट मिलीं।
शपथ ग्रहण समारोह ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर के जनता मैदान में हुआ, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कई केंद्रीय मंत्री और भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री मौजूद रहे। समारोह स्थल पर करीब 30,000 लोग मौजूद थे, और एक सुचारू और सुरक्षित समारोह सुनिश्चित करने के लिए पुलिस की 67 प्लाटून, आतंकवाद निरोधक दस्ते और अन्य सुरक्षा इकाइयों सहित व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की गई थी।
रिपोर्ट – राम गोपाल सैनी