जोधपुर (हमारा वतन) राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा कि शिक्षा के साथ कौशल विकास प्रशिक्षण जरूरी है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति विद्यार्थी के सर्वांगीण विकास से जुड़ी है। इसमें शिक्षा के डिजिटाइजेशन पर विशेष ध्यान दिया गया है। उन्होंने वृत्तचित्रों को शिक्षा का प्रभावी माध्यम बताते हुए दृश्य-श्रव्य माध्यम के जरिए शिक्षा के प्रभावी प्रसार का आह्वान किया।
राज्यपाल हरिभाऊ बागडे बुधवार को जोधपुर में 16वें प्रकृति अंतरराष्ट्रीय वृत्तचित्र फिल्म महोत्सव के शुभारंभ पश्चात संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों में एक दूसरे से संवाद जरूरी है इससे अर्जित ज्ञान और विचारों का आदान प्रदान होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा में प्रभावी प्रस्तुतिकरण ही महत्वपूर्ण है। सीईसी के माध्यम से शिक्षा के डिजिटाइजेशन की नई राहें खुली है। इससे आने वाले समय में भारत देश शिक्षा के क्षेत्र में और तेजी से शिक्षा की ओर अग्रसर हो सकेगा। उन्होंने वृत्त चित्रों को शिक्षित करने का महत्वपूर्ण माध्यम बताते हुए उच्च शिक्षा में इसके प्रभावी उपयोग पर जोर दिया। उन्होंने वृत्तचित्रों के इतिहास की चर्चा करते हुए कहा कि वृत्तचित्र निर्माण में भारत आरंभ से ही अग्रणी रहा है। वृत्तचित्रों से प्रभावी संदेश जाता है और इसका जितना अधिक शिक्षा में उपयोग होगा, देश का सतत् विकास होगा।
राज्यपाल ने कहा कि देश को विश्व गुरु बनाने के लिए हम सबको मिलकर काम करना है। उन्होंने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभरेगी। युवाओं पर मुझे विश्वास है, हम सब यह मिल कर सकते है। यह कार्यक्रम नए विचारों के लिए महत्वपूर्ण मंच सिद्ध होगा।
सीईसी के डायरेक्टर प्रोफेसर जे बी नड्डा ने कहा कि सीईसी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अंतर-विश्वविद्यालय केंद्रों में से एक है। यह उच्च शिक्षा स्तर पर डिजिटल शिक्षा के प्रचार और प्रसार के लिए समर्पित है। उन्होंने कहा कि हम डिजिटल सामग्री प्रारूपों की एक विस्तृत श्रृंखला के साथ एशिया के सबसे बड़े डिजिटल शिक्षा प्रसार प्लेटफार्म के रूप में अपनी भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने बताया कि 1997 से, सीईसी देश में आईसीटी आधारित शिक्षण वातावरण बनाने के लिए हर साल इस प्रकृति फिल्म महोत्सव का आयोजन करता आ रहा है। यह महोत्सव जिज्ञासा और रचनात्मक दिमागों के साथ जुड़ने के लिए नए विचार सामने लाता है।
जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के एल श्रीवास्तव ने कहा कि यह केवल थीम नहीं है बल्कि पूरे विश्व के मानव समाज की प्रकृति का दिग्दर्शन है। आरंभ में 16वें प्रकृति इंटरनेशनल डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म फेस्टिवल पर आधारित 5 मिनट की शॉर्ट फिल्म की भी प्रस्तुति हुई। प्रकृति इंटरनेशनल डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म फेस्टिवल जोधपुर ईएमएमआरसी के निदेशक प्रोफेसर बीआर गाढ़ी ने स्वागत उद्बोधन दिया। सी ई सी के संयुक्त निदेशक डॉ. सुनील मेहरू ने सी ई सी की उपलब्धियों और फिल्म फेस्टिवल के बारे मे जानकारी दी।
रिपोर्ट – राम गोपाल सैनी