जयपुर (हमारा वतन) बॉलीवुड फिल्म ‘सिर्फ तुम’ में ‘इक मुलाकात जरूरी है सनम’ और ‘हिना’ फिल्म में ‘देर ना हो जाए’ सुपरहिट गीत गाकर राजस्थान का नाम रोशन करने वाले मशहूर कव्वाल सईद साबरी (85) का रविवार को हार्टअटैक से निधन हो गया। वे पिछले कई वर्षों से बीमार चल रहे थे। सईद साबरी के निधन के करीब दो महीने पहले ही उनके बड़े बेटे मशहूर कव्वाल फरीद साबरी का भी इंतकाल हो गया था। देश विदेश में कव्वाल सईद साबरी और उनके दोनों बेटे फरीद व अमीन की जोड़ी साबरी ब्रदर्स के नाम से मशहूर थी।
पहले फरीद साबरी और अब उनके पिता सईद साबरी की मौत के बाद यह जोड़ी बिखर गई। सईद साबरी ने ही बेटे फरीद और स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर के साथ में मिलकर ‘हिना’ फिल्म के लिए कव्वाली ‘देर न हो जाए कहीं देर न हो जाए’ गीत गाया था। इसके बाद साबरी ब्रदर्स ने मिलकर ‘सिर्फ तुम’ मूवी के लिए ‘इक मुलाकात जरूरी है सनम’ गाया। रविवार को मथुरा वालों की हवेली से सईद साबरी का शव घाटगेट स्थित कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक किया गया। साबरी परिवार जयपुर के रामगंज में रहता है।
मौत से पहले राज कपूर अपनी डायरी में लिखकर गए थे- साबरी ब्रदर्स ही गाएंगे ‘देर न हो जाए कहीं…गीत
दो महीने में ही पहले बड़े भाई फरीद और अब पिता सईद साबरी को खोने वाले अमीन साबरी ने भास्कर से बात करते हुए बताया कि हमारा कव्वाली का मंच एकदम सूना हो गया। इस जनम में इसकी भरपाई नामुमकिन है। 1991 में आई हिट फिल्म ‘हिना’ की कव्वाली ‘देर ना हो जाए कहीं देर ना हो जाए’ के लिए राज कपूर पहले पाकिस्तान के मशहूर कव्वाल गुलाम फरीद साबरी और नुसरत फतेह अली खान को लेना चाहते थे, पर उन्होंने गर्मजोशी से जवाब नहीं दिया।
तब राज कपूर उखड़ गए। तब उन्होंने तय किया कि भारत के कव्वालों से ही यह काम कराएंगे। फिल्म के संगीत निर्देशक रवीन्द्र जैन ने हमारे नाम सुझाए। दुर्भाग्यवश फिल्म हीना की शूटिंग के दौरान ही राज कपूर साहब का निधन हो गया। लेकिन वह डायरी में हमारा नाम लिख गए थे। फिल्म दोबारा शुरू हुई तो निर्देशन का काम रणधीर कपूर ने संभाला।
रणधीर ने एक इंटरव्यू में कहा था- ‘राज कपूर जी अपनी डायरी में इनका नाम लिख गए थे इसीलिए कव्वाली के लिए जयपुर के सईद साबरी और उनके बेटे फरीद व अमीन को चुना। इसी तरह बोनी कपूर की 1999 में आई फिल्म ‘सिर्फ तुम’ में हम तीनों ने कव्वाली गाई है, ‘जिंदा रहने के लिए तेरी कसम, इक मुलाकात जरूरी है सनम। फिल्म अभिनेता देवानंद, आमिर खान, सलमान खान और शत्रुघन सिन्हा साबरी ब्रदर्स की कव्वालियों के मुरीद थे और कई बार हमें निजी रूप से सुनने को बुलाया करते थे।
सईद साबरी के अस्वस्थ होने पर फरीद और अमीन साबरी ने कव्वाली की कमान को संभाला
अमीन साबरी बताते हैं कि हम दोनों भाई वालिद उस्ताद सईद साबरी की देखरेख में संगीत की दिलों-जान से सेवा करते आए हैं। जिसने जो दिया, ले लिया। नहीं दिया तो शिकवा नहीं किया। फरीद भाई फक्कड़ मिजाज थे, शोहरत की चमक से दूर। सुनने वाला छोटा हो या बड़ा, उनके लिए सभी एक हैसियत रखते थे। पापा कमजोर स्वास्थ्य के कारण मंच पर कम चढ़ा करते थे। हम दोनों कव्वाली में उनकी कायम की गई परंपरा को आगे बढ़ाने में लगे थे कि पहले फरीद भाई और अब वालिद सई साहब हमें अकेला छोड़कर चले गए।
– रिपोर्ट : राम गोपाल सैनी
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