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नई दिल्ली (हमारा वतन) आज से करीब अठारह महीने पहले चीन ने कोरोना वायरस के पहले मामले की सूचना दुनिया को दी। ये घातक SARS-CoV-2 वायरस दुनिया भर में जंगल की आग की तरह फैल चुका है और इससे अब तक 35 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इसके साथ ही कोरोना वायरस 180 से अधिक देशों में 16.8 करोड़ से अधिक लोगों को संक्रमित कर चुका है। लेकिन अभी भी कोरोना वायरस से जुड़ा एक मूल सवाल सबके जेहन में घूम रहा है, कोरोना वायरस आखिर कहां से आया ? इसकी उत्पत्ति कैसे हुई। इसको लेकर अभी तक कोई साफ तस्वीर नहीं बन पाई है। इसको लेकर सिर्फ एक थ्योरी पर शक है कि कोरोना वायरस शायद चीन की वुहान लैब से लीक हुआ है।
अमेरिका समेत दुनियाभर में एक बार फिर से चीन की वुहान लैब से कोरोना वायरस के लीक होने की जांच की मांग उठी है। इसके बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) एक बार फिर से वुहान लैब से वायरस लीक होने की जांच कर सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) इस बात का फिर से अध्ययन कर सकता है कि कोरोना (सार्स-कोव-2) वायरस की उत्पत्ति और दुनियाभर में उसका प्रसार संभवत: चीन की वुहान स्थित लैब से हुआ है। डब्लूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अधनोम घेब्रेयेसस ने भी आगे के अध्ययन की जरूरत पर सहमति व्यक्त की है।
दरअसल, कोरोना वायरस की उत्पत्ति पर स्वतंत्र जांच की मांग अमेरिका की नई रिपोर्ट सामने आने के बाद और तेज हुई है जिसमें कहा गया है कि वुहान लैब के कुछ शोधकर्ता चीन द्वारा 30 दिसंबर 2019 को कोविड-19 के आधिकारिक ऐलान से पहले ही बीमार पड़ गए थे। हालांकि, चीन ने इसको नकारा है।
चीन ने साध ली है चुप्पी
वुहान लैब से कोरोना वायरस के लीक होने की खबरों पर बोलते हुए चीन ने एक बार फिर से चुप्पी साध ली है। चीन (China) ने यह प्रश्न टाल दिया कि क्या वह वुहान वायरोलॉजी इंस्टिट्यूट (WIV) से कोविड-19 के लीक होने के आरोपों की वह स्वतंत्र जांच की अनुमति देगा या नहीं। चीन के शोधार्थियों ने दावा किया है कि यह संक्रमण पैंगोलिन (एक प्रकार की छिपकली) से मनुष्य तक पहुंचा है। यानि चीन कहीं से भी इसमें सहयोग करता नहीं दिख रहा है।
जांच की मांग पर सवालों के जवाब देते हुए चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के विशेषज्ञ समूह द्वारा कोरोना वायरस की उत्पत्ति पर किए गए अध्ययन का हवाला दिया, लेकिन इस सवाल को टाल दिया कि कोविड-19 के वुहान लैब से लीक होने के आरोपों की जांच में चीन सहमत होगा या नहीं।
अमेरिका इसकी तह तक जाएगा
अमेरिका, कोरोना वायरस की उत्पत्ति की जांच जारी रखना चाहता है। अमेरिका का मानना है कि ये जानना जरूरी है कि आखिर ये वायरस दुनिया में कहां से फैला ? अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 90 दिनों के भीतर लैब लीक को लेकर जांच रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि यह निष्कर्ष निकालने के लिए सुबूत अपर्याप्त हैं कि क्या यह किसी संक्रमित जानवर के साथ मानव संपर्क से उभरा है या लैब में हुई दुर्घटना से उभरा है।